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गर्लफ्रेंड की मारी चुत
हेल्लो दोस्तो, मेरा नाम आकाश हैं। मैं 12 में पढ़ता हूँ। दोस्तों बात उन दिनों की हैं जब मैं 9 क्लास में पढ़ता था। मेरे गाँव में एक बहुत ही सुन्दर लड़की रहती थी। मैं उसे बहुत ही पसंद करता था। वो देखने में बहुत गोरी थी। उसका फिगर बहुत ही कमाल का था। उसका शरीर अभी विकसित नही हुआ था। इसलिए उसके स्तन अभी ज्यादा बड़े बड़े नही थे। मैं भी उस टाइम छोटा ही था। उसका नाम हसीना था। उसकी मम्मी मेरी दूर की भाभी लगती थी। मैं उसके घर कभी कभी जाता था। वो मेरे ही स्कूल में मेरे साथ की क्लास में पढ़ती थी। मेरी मम्मी और उसकी मम्मी अच्छी सहेलिया थी इसलिए मेरी मम्मी उसके घर हर रोज जाती थी। मैं भी उसके घर जाता था। उसके घर जाते जाते हम दोनों एक दुसरे को जानने लगे थे। अब हम दोनों एक दुसरे से बाते करने लगे। हम दोनों में काफी अच्छी दोस्ती हो गयी थी। मैं उस से प्यार करने लगा था। पर उस से कभी कह नही पाता था। अब हम दोनों साथ में स्कूल जाते थे। सारा दिन साथ रहते थे। कुछ दिन बाद मैं और मेरा सारा परिवार गाँव से शहर में जाने वाले थे। मैं भी सब के साथ गया। मैं उस से आखिरी बार मिलने गया। मैं उसे पास के बगीचे में बुलाया था। वो वहां पर आई। मैंने उसे बताया की मैं शहर में जा रहा हूँ। ये हमारी आखिरी मुलाकात हैं। अब हम एक साल बाद मिलेंगे। तो वो भी दुखी हुयी। शायद वो भी मुझे प्यार करती थी। मैं वहा से जाने वाला था की वो मेरे गले लग कर रोने लगी। उसने मुझे किस भी किया। मैं उसे चुप करा कर किस्स करने लगा। उसने मेरा हाथ उठा कर अपनी छाती पर लगा दिया। मैंने उसके बूब्स को अच्छे से दबाया। उसके बूब्स गुलाबी गुलाबी दिख रहे थे। मैं उसे देख कर बहुत ही कामुक हो रहा था। फिर वो मुझे किस करने लगी। मैंने उसकी गांड को दबाया। उसकी गांड बहुत ही नरम थी। उसके बूब्स भले ही बड़े नही थे पर उसकी गांड बड़ी थी। और बाहर की तरफ निकली हुई थी। मैं उसके बूब्स को अच्छे से दबाया और किस्स करके आने लगा वो भी मेरे साथ आई। मैं फिर गाँव से शहर आ गया। फिर मैं शहर में पढने लगा। मेरा भी मन नही लग रहा था। शहर में कोई भी मुझे नही जानता था। मैं शहर में होते हुए भी उसके बारे में ही सोचता रहता था। जब मैं उसे आखरी बार मिला था। तो उसके बूब्स को दबा रहा था वो इतने रसीले लग रहे थे की मन नही कर रहा था की मैं शहर में जाऊ। मैं उसके बूब्स और उसकी गांड के बारे में सोच सोच कर बहुत कामुक होता जा रहा था। एक साल बाद मैं बड़ा हो गया। फिर मैं वापस से गाँव में आ गया। मैं घर आते ही सबसे पहले उसके घर की ओर गया। पर वो दिखी नही। मैं उसे इधर उधर ढूँढना लगा। थोडा दूर आगे जाने के बाद गाँव के पूल के पास एक बहुत ही सुनदर लड़की आती हुई दिखी। मैं उसे देख कर बहुत ही आकर्षित हुआ। उसके बूब्स बहुत ही बड़े बड़े दिख रहे थे। मैं उसकी गांड देख रहा था। वो बहुत ही बड़े और बाहर निकले हुए थे। मेरी नज़र नही हट रही थी। उसे देख कर मेरा मन उस लड़की को चोदने का कर रहा था।